*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪①* 📖
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*👉 बालों का झड़ना - Hair loss*
📿 बालों का झड़ना आजकल बहुत आम बात हो गयी है शायद ही कोई ऐसा हो जिसके बाल न झड़ते हों,वैसे तो बालों की उम्र 4 साल होती है मगर खाने में मिलावट की वजह से ये वक़्त से पहले ही टूट जाते हैं,कुछ नुस्खे लिखता हूं अगर कोई इस्तेमाल करे और फायदा हासिल हो बराए मेहरबानी ज़रूर बतायें।
*_1. अलकरीमुल आस वल मफ़ानातुल फाम_* *الكرىم العاص والمفانات الفام*
👉 100 बार पढ़कर इतने पानी पर दम करें कि जिससे सर धुल जाए हफ्ते में 3 दिन इस तरह पानी पर दम करके सर धोएं,कम से कम 1 महीना करें।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 38*
*_2. गुलाब जल में बराबर का सिरका मिलालें और किसी मोटे कपड़े से गंज पर मालिश करें_*
*_3. सिरके में अदरक का पानी मिलाकर लगाना भी मुफीद है_*
*_4. सिरका और मेंहदी गिरते हुए बालों का बेहतरीन इलाज है_*
*_5. ज़ैतून का तेल बाक़ायदगी से लगाने पर बालों के गिरने की रफ़्तार में बहुत हद तक कमी आती है_*
*_6. बालों को उगाने के लिये कलौंजी,हब्बुरिशाद,सनामकी,मेंहदी को बराबर लेकर बारीक पीस लें और पूरे मज्मुये के बराबर 6 गुना ज़्यादा ज़ैतून के तेल मे 15 मिनट पकाकर ठंडा करके बोतल में रख लें,ये तेल इस्तेमाल करें_*
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साइंस,सफह 71,73,83*
*👇 परहेज़*
*_ज़्यादा चटपटी चीज़ें,खट्टी,बहुत नमकीन,तेज़ खुशबु का तेल,सर धोने का साबुन_*
*👇 ग़िज़ा*
*_हरी सब्ज़ियां,आंवले का मुरब्बा,मछली,अंडा,दूध_*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪2* 📖
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*👇 छांई और मुहासे*
*_👉 चेहरे पर एक किस्म का सियाह दाग या धब्बा पड़ जाता है उसे छांई कहते हैं,कुछ नुस्खे दर्ज हैं_*
*_🍎अनार का छिल्का और संतरे का छिल्का दोनों को अंगूर के सिरके में भिगोकर रखें और इन छिल्कों से दाग पर मालिश करें,छांई दूर करने के लिए बेहद मुफीद है_*
*📕 गंजीनये तबीब,सफह 167*
*_🍈 कागज़ी नींबू में हल्दी मिलाकर मलें फायदा होगा_*
📕 *इलाजुल गुरबा,सफह 190*
*_🥬 चुकंदर और फिटकरी दोनों को पीसकर प्याज के रस में मिलाकर लगाने से बहुत जल्द फायदा होता है_*
*📕 मुजर्बाते सुयूती,87*
*👉 और अगर चेहरे पर मुंहासे हो तो ये इस्तेमाल करें*
*👉 बथुवे की जड़ को गाय के दूध में पीसकर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं*
👉 *कलौंजी को सिरके में पीस लें रात को लगाएं और सुबह को मुंह धो लिया करें*
*👉 सरस की छाल और काली तिल दोनों को बराबर सिरके में पीसकर चेहरे पर लगाएं इंशा अल्लाह मुहासे दूर हो जायेंगे*
📕 *इलाजुल गुरबा,सफह 188*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪③* 📖
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*दिमाग़ी कमज़ोरी*
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👉 बादाम 5 दाना रात को पानी में भिगो दें सुबह उसका छिलका उतारकर पीस लें और उसमे 10 ग्राम मक्खन और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर चाटें,हर किस्म के ज़ोफे दिमाग के लिए मुफीद है।
*📕 हाज़िक़,सफह 18*
👉 पांचों नमाज़ के बाद दाहिने हाथ की कुछ उंगलिया अपने सर पर रखकर 11 बार या क़विय्यो पढ़ें,पढ़ने लिखने वालों के लिए बहुत मुफीद है याददाश्त तेज़ होगी।
*📕 जन्नती ज़ेवर,सफह 476*
👉 नर्वस्नेस और दिमागी उलझन को दूर करने के लिए सबसे पहले अपने खाने में नमक को एक चौथाई कर दें उसके बाद ऊपर दिया गया नक्श गुलाब के अर्क में ज़ाफरान घोलकर मोमी कागज़ पर लिखा जाए और उसे 1/2 किलो शहद में डाल दें और रोज़ाना 1 बड़ा चम्मच ये शहद इस्तेमाल करें जब तक कि आराम ना मिल जाए।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 61*
*👉 परहेज़ -* अगर उलझन के साथ साथ सर में दर्द या नज़ला भी रहता हो तो खुशबु और सिर में लगाने की दवाओं से दूर रहे।
*👉 ग़िज़ा -* बकरी का गोश्त,लौकी,पालक,मूंग,अंडा,दूध और हाज़मेदार गिज़ाएं।
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪④* 📖
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*पथरी-stones*
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👉 गुर्दे में सोजिश बराहे रास्त नहीं होती आम तौर पर गले की मुसलसल खराबी या किसी और जगह की सोजिश की वजह से उसके जरासीम गुर्दे तक आ जाते हैं इसके अलावा पेट की खराबी ग़िज़ा में आग्सलेट और यूरिट की कसरत पानी की कमी पेशाब को रोके रखना विटामिन आई की मुसलसल कमी और पेशाब की नली में बद चलनी से होने वाली जिन्सी बीमारियां ज़िम्मेदार हैं,गुर्दे की कैसी भी बीमारी हो अगर चे उसमें सूजन आ गई हो या गुर्दा बढ़ गया हो या फिर उसमें पत्थर आ गया हो वजह कुछ भी हो ये इलाज अक्सीर है।
👉 उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि गुर्दे का मरकज़ (pelvis) इसकी जान है अगर इसमें सोजिश हो जाये तो बड़ी अज़िय्यत होती है इसका इलाज उबले हुए पानी में शहद मिलाकर करो।
👉 पानी में जौ डालकर खूब खौलायें फिर उसे छानकर गिलास में निकाल लें और उसमें इतना शहद मिला लें कि खूब मीठा हो जाये,रोज़ाना बासी मुंह इस्तेमाल करें अगर तक़लीफ ज़्यादा हो तो दिन में 2 या 3 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साइंस",सफह 44*
👉 चीनी की प्लेट पर सूरह अलम नशरह लिखकर धोकर पिलाने से पथरी चाहे गुर्दे में हो या पित्त में टूटकर निकल जायेगी इन शा अल्लाह तआला।
*📕 मसाएलुल क़ुरान,सफह 284*
👉 अगर गुर्दे में तेज़ दर्द होता हो देसी काफूर को सिरके में मिलाकर गुर्दे की जगह मालिश करने से दर्द में आराम मिल जाता है।
*📕 हाज़िक़,सफह 381*
*👇 ग़िज़ा 👇*
👉 मूंग व अरहर की दाल,बकरे का गोश्त,तुरई,करैला,इंजीर,अनानास,चौलाई का साग पथरी में बेहद मुफीद है मगर धोते वक़्त खास खयाल रखे,युंही किसी भी पौधे की बारीक़ पत्तियां पीसकर पीने से गुर्दे या मसाने से पथरी निकल जाती है।
*👇 परहेज़ 👇*
👉 चांवल,आलू,उरद व मसूर की दाल,बैंगन,बहुत ठंडा पानी,मटर और सभी बादी चीज़ें।
*📕 इलाजुल ग़ुरबा,सफह 20-119*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪⑤* 📖
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*कैंसर - cancer*
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👉 ज़हरीली अदवियात या नुक्सानदेह खाना या कभी कभी कोई इंसान जब कुछ ख्यालों में अपने आपको गिरफ्तार कर लेता है तो वो बर्क़ी लहर जो ख्यालों के ज़रिये बनती है जहरीली हो जाती है और यही लहर खून के अन्दर भी ज़हर पैदा कर देती है,इसी बर्क़ी लहर की वजह से खून के अन्दर महीन जरासीम बन जाते हैं और ये जिस्म के किसी कोने में अपना घर बना लेते हैं,जो बर्क़ी लहर इंसान के काम की होती है वो इन कीटाणुओं की खुराक़ बन जाती है,इनकी खुराक़ खून के वो लाल कण होते है जिन्हे R.B.C कहते हैं,धीरे धीरे यही लाल कण खत्म होते जाते हैं और खून में सफेद कणों की तादाद बढ़ जाती है और ये जिस्म के लिए बेहद खतरनाक होता है,इंसान के थूक में बलग़म में बहुत ज़्यादा तादाद में बाहर निकलते हैं जिससे इंसान हड्डियों का ढांचा बनकर रह जाता है,और दूसरा ये कि जिस जगह ये ज़हरीले कण जमा हो जाते है उस जगह की रगें गल जाती है जिसके नतीजे में खून की बहुत कमी हो जाती है और इंसान की मौत का सबब बनता है।
👉 कहा गया है कि कैंसर एक ऐसा मर्ज़ है जो सुनता है और बहुत ही शरीफुन नफ़्स है लिहाज़ा जब भी मरीज़ सो रहा हो तो उसके पास बैठकर मिन्नत की जाए कि मरीज़ बहुत ही परेशान है तुम एक अच्छे मेहमान हो और मेहमान को ये ज़ेब नहीं देता कि अपने मेज़बान को परेशानी में डाले मौला ने चाहा तो तो जल्द ही कैंसर मरीज़ को छोड़ देगा।
👉 दूसरा ये की कैंसर के जरासीम की खुराक़ लाल कण ही होते हैं लिहाज़ा अतिब्बा कहते हैं कि मरीज़ के माहौल को पूरी तरह से सुर्ख यानि लाल रंग में रंग दिया जाए यहां तक की मरीज़ के कमरे की दीवारें उसकी चादर उसके तकिये उसके कपड़े खिड़कियों के पर्दे सब ही लाल किये जाएं इसके साथ साथ खाने के सुर्ख रंग की रौशनाई से ऊपर दिया गया 41 तावीज़ बना लें एक मरीज़ को माेम जामा करके गले में पहना दें और 40 को 40 दिन तक एक एक करके धोकर पिलाते रहें।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 88*
👉 मैं शहद के फ़वायद पर एक पोस्ट करके पहले ही बता चुका हूं कि शहद को अल्लाह ने शिफ़ा क़रार दिया है चूंकि शहद के अंदर वो खूबी मौजूद है कि वो बहुत से जरासीम का खात्मा कर सकता है और कमज़ोरी के लिए पानी में घोल कर पिलाना किसी भी टॉनिक से ज़्यादा मुफीद है लिहाज़ा मरीज़ को कसरत से शहद का इस्तेमाल कराया जाए।
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪⑥* 📖
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*_गैस_*
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👉 हाज़मे की खराबी और मेदे की खुश्की की वजह से बहुत सी बीमारियां पैदा हो जाती हैं जिनमे से गैस भी है,जब पेट में गैस ज़्यादा हो जाती है तो ये दिल के आस पास जमा हो जाती है जिससे दिल पर दबाव पड़ता है और आदमी का दम घुटने लगता है कभी कभी तो यूं लगता है कि मरीज़ को हार्ट अटैक हुआ है अगर यही गैस सर की तरफ चली जाए तो आधा सीसी का दर्द या साइनस भी हो जाता है,हाथों या पैरों में चली जाए तो सनसनाहट होने लगती है,बहार हाल अगर इसका वक़्त रहते इलाज न किया जाए तो आंत और जिगर की कई बीमारियां हो सकती है।
👉 ज़र्द रंग की एक शीशी लेकर उसमें पका हुआ पानी भरकर बंद करके छत पर ऐसी जगह रखें जहां सुबह से धूप आती हो और शाम तक रहती हो,शाम को शीशी उठा लें और उसमें ज़र्द रंग मिलाकर रौशनाई बना लें और चीनी की 3 प्लेटों पर ऊपर दिया गया नक्श लिखें और नाश्ते और दोपहर और रात के खाने से आधे घंटे पहले धूप में गर्म किये पानी से धोकर पिएं।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 58*
👉 सुबह बासी मुंह अंजीर खाने से पेट में जमा हुई गैस निकल जाती है,और इसके साथ अगर बादाम भी खाया जाए तो पेट की कई बिमारियों का इलाज हो जाए।
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साइन्स,सफह 21*
*_👉 ग़िज़ा - हलकी ग़िज़ाएं,लौकी,खीरा,ककड़ी,अदरक का मुरब्बा,सिरका_*
*📮 पोस्ट जारी रहेगी इन्शा अल्लाह...✍🏻*
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*☝नमाज़ कायम करे !*
*💎उल्मा की सोहबत में रहे !*
🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
*🤝🏻हमारे साथ ख़ुद जुड़कर सवाब कमाएं*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: 07* 📖
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*🌟 اَلصَّــلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَارَسُوْلَ اللّٰهﷺ*
*मुंह से बदबू आना-Oral sepsis*
*________________________________________*
👉 मुंह की बदबू एक ऐसी बीमारी है जिससे हर आदमी को तकलीफ होती है खासकर सामने वाले को,जो लोग सुबह मिस्वाक के आदी नहीं होते या खाना खाने के बाद अच्छी तरह मुंह साफ नहीं करते या जो बिला वजह खाते पीते रहते हैं और उनका मेदा खराब हो जाता है अक्सर इस मर्ज़ में मुब्तेला हो जाते हैं,मेदे की क़ब्ज़ की वजह से गैस जब ऊपर की तरफ आती है तो मुंह से बदबू आने लगती है या कभी कभी दांतों के रेशो में खाना सड़ जाता है तब भी मुंह से बदबू आती है,इससे बचने का सबसे पहला रास्ता तो यही है कि खाने के बाद मुंह को खूब साफ किया जाए और गैर हाज़मे वाली ग़िज़ा बिल्कुल ना खाई जाये,कुछ नुस्खे दर्ज हैं।
👉 रोज़ाना ज़ुहर के बाद 100 बार मरकूना रूकूनी مركونا ركوني पढ़कर शहद की शीशी में दम करें और दिन में 3 बार सुबह नाश्ते से पहले दोपहर और रात को खाने के बाद 1 चम्मच इस्तेमाल करें,और जब भी पानी पिएं यो 3 बार ऊपर वाली दुआ पढ़कर दम करके पियें,जब तक फायदा ना हासिल हो इलाज जारी रखें।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 94*
👉 हल्के गर्म पानी में सिरका और नमक मिलाकर पीने से मुंह की गलाज़त दूर हो जाती है बेहतर है कि पहले इसी पानी से 1,2 कुल्ली वगैरह करें फिर पानी पिएं।
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साईन्स,सफह 78*
👉 जौ के सत्तू में बर्फ डालकर ठंडा करके खिलाना भी बेहद मुफीद है।
👉 अगर मसूढ़े में पीप की वजह से बदबू आती हो तो फिटकरी 3 माशा नीला थूथ 3 माशा पीसकर उसमें पानी और सिरका मिलाकर दिन में 2,3 बार कुल्ली करें।
👉 मुंह में खुशबू पैदा करने के लिए मुश्क खालिस 4,सुर्ख काफूर 4,सुर्ख तबाशीर 2 माशा,गुल सुर्ख 2 माशा,फोफल 3 माशा,कबाब चीनी 3 माशा,अक़्र करहा 3 माशा कूट छानकर गुलाब जल में गूंधकर गोलियां बनालें और इन गोलियों को मुंह में रखकर चूसते रहें।
*📕 हाज़िक़,सफह 157*
👉 *ग़िज़ा -* बकरी का गोश्त,हलकी रोटी,मूंग की दाल,मेथी का साग,शलजम,तुरई व हाज़मे दार गिजायें।
*👉 परहेज़-* अंडा,मछली,लहसुन,प्याज़,चुकंदर केला,आलू,मसूर मास व चने की दाल,मूली,मुंह साफ रखें चाहे मिस्वाक से या फिर किसी मंजन से।
*📮 पोस्ट जारी रहेगी इन्शा अल्लाह...✍🏻*
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*☝नमाज़ कायम करे !*
*💎उल्मा की सोहबत में रहे !*
🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
*🤝🏻हमारे साथ ख़ुद जुड़कर सवाब कमाएं*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪⑧* 📖
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*🌟 اَلصَّــلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَارَسُوْلَ اللّٰهﷺ*
*⚪सफेद दाग - white stains*
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❤ ये एक खतरनाक और मूज़ी मर्ज़ है जो आदमी के हुस्नो जमाल को तबाहो बर्बाद कर देता है,ये मर्ज़ अक्सर खून की खराबी की वजह से होता है,ये कुछ नुस्खे हैं इस्तेमाल करें इंशा अल्लाह बीमारी दूर होगी।
*1.* चाकसू 20 ग्राम,इंजीर 20 ग्राम,बाबची 20 ग्राम,तुख्म पिंदार 20 ग्राम सबको रात में मिट्टी के बर्तन में आधे पाव पानी में भिगो दें और सुबह को नहार मुंह बग़ैर मले हुए उसको कपड़े से छान लें और उसमें 20 ग्राम शहद मिलाकर पिएं,और बची हुई बाकी चीज़ें पीसकर दागों पर लगाया जाए,इस अमल की मुद्दत 40 दिन है।
*📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 3,सफह 433*
*2.* शहद और लहसुन मिलाकर खाने से इस मर्ज़ में काफी फायदा होता है।
*3.* ज़रीख,तूतिया,मूली की बीज एक बराबर लेकर पीस कर उसमें ज़ैतून का तेल मिला कर दाग की जगह रगड़ कर लगाएं,इंशा अल्लाह 3 दिन से ही फ़ायदा शुरू हो जायेगा।
*📕 मुजर्बाते सुयूती,पेज 181*
*4.* भैंस की चर्बी में इन्द्रानी नमक मिलाकर दाग पर मलने से जल्द ही ये दाग दूर हो जाते हैं।
*📕 हयातुल हैवान,जिल्द 2,पेज 31*
*5.* बैगन पानी में पकाएं जब गल जाए तो पानी छानकर जैतून के तेल में साथ मिलकर खौलाएं जब पानी जल जाए और तेल बाकी रह जाए तो इस तेल को दागों पर लगाएं।
*📕 इलाजुल ग़ुरबा,सफह 170*
*6.* सरसों के बीज को गाय के दूध में डालकर पकाएं जब दूध खोये जैसा गाढ़ा हो जाए तो बीज निकालकर धोकर सुखा लें और बारीक पीसकर 1 ग्राम रोज़ाना गाय के दूध के साथ इस्तेमाल करें।
*📕 कंज़ुल मुजरबात,सफह 769*
*7. قل هو المعين يا المعروف المنان والحليم*
*"क़ुल हुवल मोईन या माअरूफ़ुल मन्नान वल हलीम" ज़र्द रंग की रोशनाई से प्लेटों पर लिखकर दिन में 3 बार धोकर पिलायें*
✍🏻 *लिखना अरबी में ही है,पढ़ने में आ जाये इसलिये मैने हिन्दी में लिख दिया है*
*📕 रूहानी इलाज,सफह 42*
👉 *परहेज़ -* मछली,गुड़,खटाई,अंडा,चावल,दूध,दही,माश की दाल,आलू,लौकी।
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🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⓪⑨* 📖
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*⚪फालिज* *palsy*
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❤ ये अक्सर निस्फ़ बदन पर ज़ाहिर होता है और कभी कभी पूरे बदन पर भी मगर बाएं तरफ़ का ज़्यादा ख़तरनाक होता है,पूरे जिस्म को टेढ़ा करके रख देता है,ये ज़्यादातर ठंड की वजह से अपना असर दिखाता है और कभी बर्क़ी निज़ाम बिगड़ने की वजह से भी ऐसा हो जाता है।
👉 गर्म पानी में घोलकर एक हफ्ते में कम से कम 2 किलो शहद का इस्तेमाल कराया जाए 7 दिन तक कोई दाना पानी ना दें अगर भूख की शिकायत हो तो कबूतर का शोरबा दे सकते हैं,ये कर लिया तो इंशा अल्लाह किसी दूसरी दवा की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
*📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 401*
*📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 1,सफह 103*
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साइन्स,सफह 113*
👉 लहसुन का जवा पहले रोज़ एक दाना दूसरे दिन 2 तीसरे दिन 3 इसी तरह 40 दिन में 40 तक ले जाएं फिर एक एक करके कम करना शुरू करें यहां तक कि एक पर आ जाएं,मौला ने चाहा तो शिफ़ा मिलेगी।
*📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 3,सफह 110*
👉 ज़ैतून और तिल के तेल में नमक लहसुन और मुस्तगी मिलकर खूब खौलाएं जब तेल में उनका अर्क़ मालूम होने लगे तो उतार लें और वही तेल मरीज़ को मालिश करें और बाद को लिहाफ ओढ़ा दें।
*📕 मुजर्बाते सुयूती,सफह 180*
👉 ज़र्द रंग से लोहे की प्लेट पर सूरह "इज़ा ज़ुलज़िलातुल अर्'द" लिखकर धोकर पिलायें,और अगर प्लेट पर कुंदा करा लें और उसे देखा करे तो जल्द शिफ़ा हासिल होगी।
*📕 मसाएलुल क़ुरान,सफह 284*
👉 खालिस हींग पीसकर नाक के दोनों सुराखों में डालने से बहुत जल्द इस मर्ज़ से छुटकारा मिल सकता है।
*📕 फवायदे अजीबा,सफह 84*
👇 *परहेज़* 👇
👉 तमाम ठंडी चीज़ें और दूध,दही,छाछ,चावल,गन्ना,तरबूज़,कद्दू,खटाई वग़ैरह।
*📮 पोस्ट जारी रहेगी इन्शा अल्लाह...✍🏻*
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*☝नमाज़ कायम करे !*
*💎उल्मा की सोहबत में रहे !*
🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
*🤝🏻हमारे साथ ख़ुद जुड़कर सवाब कमाएं*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⑩* 📖
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*🦷दांतो की बीमारियां*
*_______________________________________*
🗣 दांतों का हिलना पाईरिया उस पर चूना जमना कीड़ा लगना काले धब्बे पड़ जाना पीला पड़ जाना उसका टूटना गर्ज़ कि कुछ भी हो सुबह उठकर बासी मुंह एक गिलास पानी में अव्वल आखिर दरूद शरीफ और 9 बार वलजुरूहु وَالجُرُوحُ पढ़कर दम करें थोड़ा पानी उसमे से अलग करके बाकी से कई बार कुल्ली करें और आखिर में वो अलग किया हुआ पानी पी लें इसके बाद आधे घंटे तक कुछ ना खायें पियें।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 64*
👉 दांत या दाढ़ में दर्द हो तो उस दांत को चुटकी से पकड़कर छोड़ दें और चुटकी पर सूरह ज़िलज़ाल की पहली आयत पढ़कर दम करें या दर्द सख्त हो तो दर्द की जगह उंगली रखकर सूरह मोमेनून की आयत न.78 को 7 मर्तबा पढ़ें।
*📕 रूहानी और जिस्मानी इलाज,सफह 44*
👉 बबूल की लकड़ी से मिस्वाक करना दांतों को मज़बूत करता है बेहतर है कि रात को सोते वक़्त और सुबह को मिस्वाक करें,अगर पेट की खराबी की वजह से दांत कमज़ोर हुए हों या बदबू आती हो तो इसके लिए हमदर्द की दवा-उल मिस्क मोतदिल जवाहर वाली सुबह शाम 5 माशा इस्तेमाल करें इससे हाज़मा भी दुरुस्त होगा और मुंह भी खुशबूदार रखेगा।
*📕 हाज़िक़,सफह 179*
👉 मुंह की गलाज़त को साफ करने के लिए हल्के गर्म पानी में शहद और सिरके के साथ नमक मिलाकर कुल्ली करें इससे दांतों का दर्द दूर हो जायेगा और मसूड़े मज़बूत होंगे ये पाईरिया के लिए भी फायदेमंद है और दांतों पर से मैल साफ करना हो तो सिरके में शहद मिलाकर दांतों पर मालिश करें।
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साईंस,सफह 113*
🏁 आलाहज़रत अज़ीमुल बरक़त रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि जो वित्र की पहली रकात में सूरह फातिहा के बाद इज़ा जा'आ दूसरी में तब्बत यदा और तीसरी में सूरह इखलास हमेशा पढ़ेगा तो ज़िन्दगी भर उसके दांतों में कभी कोई तकलीफ ना होगी इन शा अल्लाह तआला।
*📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 1,सफह 23*
*👉 परहेज़ -* माश-मटर की दाल,गोभी,बैगन,प्याज़,लहसुन,ज़्यादा मीठा या तेली चीज़,ठंडा पानी या बर्फ,खटाई।
*👉 ग़िज़ा -* बकरी का गोश्त,मूंग-अरहर की दाल,मेथी का साग,बथुआ,पालक,तुरई,चुकंदर
*📮 पोस्ट जारी रहेगी इन्शा अल्लाह...✍🏻*
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*☝नमाज़ कायम करे !*
*💎उल्मा की सोहबत में रहे !*
🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
*🤝🏻हमारे साथ ख़ुद जुड़कर सवाब कमाएं*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ①①* 📖
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*बवासीर-piles*
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👉 बवासीर 2 तरह की होती है एक मे मक़अद के किनारे मस्से से खून निकलने लगता है जिससे कि हर वक़्त जलन सी मालूम होती है और दूसरे मे खून तो नहीं निकलता मगर तक़्लीफ बनी रहती है,ये बीमारी अक्सर ज्यादा बैठे रहने से,क़ब्ज,मसालेदार खाने या फिर शराब पीने से हो जाती है।
👉 रोज़ाना सूरज निकलने के 20 मिनट बाद 2 रकात नमाज़ नफ़्ल इस तरह पढ़ें कि दोनों रकात में सूरह फातिहा व किसी सूरह के बाद 1 बार "अस्तग़ फिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्ले ज़म्बिंव व आतूबो इलैहे सुबहानल्लाहे वबेहम्देही"।
*استغفر الله ربى من كل زنب واتوب الىه سبحان الله وبحمده*
*कुछ दिनों के अमल से ही इन शा अल्लाह राहत मिलेगी*
*📕 बवासीर का इलाज,सफह 17*
👉 अगर किसी वक़्त बहुत ज़्यादा तकलीफ़ हो जैसे सुई चुभती हुई मालूम हो तो *"हुवल्लाहुल लज़ी लाइलाहा इल्ला हू"*
*هو الله الذى لااله الا هو*
👉 पढ़कर शहादत की उंगली पर दम करें और उंगली पानी में डाल दें इन शा अल्लाह फौरन दर्द से आराम मिलेगा।
*📕 रूहानी इलाज,सफह 41*
👉 शहद और लहसुन का खाना इस मर्ज़ में हर चीज़ से ज़्यादा मुफीद है।
*📕 मुजरबाते सुयूती,सफह 178*
👉 कैकर की कच्ची फलियां जिनमे बीज ना लगे हों साये में सुखाकर पीस लें और उसके बराबर मिश्री मिलकर 10 ग्राम बासी मुंह पानी के साथ खाएं,दोनों किस्म में फायदा करता है।
*📕 कंज़ुल मुजरबात,सफह 191*
👉 एक अदद नारियल का ऊपर का हिस्सा लेकर जला लें जब राख हो जाए तो उसके बराबर मिश्री मिलाकर खायें,इन शा अल्लाह 3 खुराक में ही खून का गिरना बंद हो जाएगा।
*📕 इलाजुल ग़ुरबा,सफह 113*
*👉 परहेज़ -* लाल मिर्च,बैगन,अचार,अंडा,गुड़,तेल,चांवल,चीनी।
👉 *ग़िज़ा -* हल्की हाज़मेदार ग़िज़ाएं,मूंग की दाल,दूध,गेंहू की हलकी रोटी.
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ⑫* 📖
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*⚠ मिर्गी - epilepsy*
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🧪 *_उम्मुस् सुबियान् यानी मिर्गी एक मुज़ी मर्ज़ है, जिस वक़्त इसका असर होता है तो मरीज़ ज़मीन पर गिरकर तड़पने लगता है ,हाथ पैर टेढ़े हो जाते है,सांस लेने में दिक्कत् होती है ,मुँह से झाग निकलने लगता है ,दिमाग पर बोझ होने से उसके खयालो को बाटने वाली लहर हिस्स् हो जाती है और ऐसे हालात में पानी के सामने आ जाने से अक्सर दिमाग काम करना छोड़ देता है,और मरीज़ को दौरा पड जाता है,जब तक उसके दिमाग पर बोझ रह्ता है उसकी हालत वैसे ही रहती है,और दिमाग से बोझ हटने पर मरीज़ होश में आ जाता है ,कभी ये बिमारी बलगम की वजह से भी आरिज़ हो जाती है कुछ नुस्खे तहरीर है !_*
👉 _अगर काढा कूटकर उसके बराबर सिर्का मिलाकर पीस् ले फिर उसमे 3 गुना शहद मिलाकर माजुन् बना ले और रोज़ाना 7 माशा हल्के गर्म् पानी के साथ इस्तेमाल करे ,बहोत मुफीद है !_
👉 _गले में जायफल या भेड के दात भी डाले रहने से भी मिर्गी नही आती !_
*#📗इलाजुल गुर्बा,सफह 25*
👉 _ऊद सलीब गले में लटकाने से भी मिर्गी नाहै आती !_
*#📗गन्जीनए तबीब,सफह 310*
👉 _हीन्ग खाने नाक में उस्का कतरा टपकाने ,या उसके धुएँ से भी फ़ायदा होता है !_
*#📗मुजर्बाते सुयुती,सफह 232*
👉 _ऊद सलीब और जदवार को गले लटकाना और उसे पानी में घिसकर पिने से भी फायदा होता है!_
*#📗कन्ज़ुल मुजर्बात ,सफ्ह 315*
👉 _जिस्को दौरा पड़ा हो उसके सर को ज़मीन से सिर्फ 1 इंच हाथ में उठाकर 2-3 बार हलकी जुम्बीश सी हिलाया जाए दौरा ख़त्म हो जाएगा !_
*#📗रुहानी इलाज ,सफह 95*
👉 _ऊद सलीब के साथ में एक टुकड़ा बीख मरजान का गले में डालें मुफीद है !_
*#📗शम्मे शबिस्ताने रज़ा ,हिस्सा 1,सफह 36*
*👇 परहेज़* 👇
👉 *_बहोत ज़्यादा गरम और ठंडी चीज़ो से पर्हेज़् करें , मस्लन उरद् कि दाल गोभी,मछ्ली,चावल ,शलजम ,मूली वगैरह !_*
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*💎उल्मा की सोहबत में रहे !*
🌹 *इल्मे-दीन सीखे और सिखाये !*
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*📖 रूहानी इलाज, पोस्ट नं. ➪: ①③* 📖
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*कलौंजी व शहद*
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👉 शहद की मक्खी को अरबी में नहल कहते हैं जिसके नाम से क़ुर्आन में पूरी एक सूरह मौजूद है इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंसानी ज़िन्दगी में शहद की क्या अहमियत होगी,अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त क़ुर्आन मुक़द्दस में इरशाद फरमाता है कि
और तुम्हारे रब ने शहद की मक्खी को इल्हाम किया कि पहाड़ों में घर बना और दरख्तों में और छत्तों में.फिर हर क़िस्म के फल में से खा और अपने रब की राहें चल कि तेरे लिए नर्म और आसान हैं,उसके पेट से एक पीने की चीज़ रंग बिरंगी निकलती है जिसमे लोगों के लिए शिफा है बेशक उसमें निशानी है ध्यान करने वालों को
*📕 पारा 14,सूरह नहल,आयत 68-69*
*जन्नती शहद के बारे में इरशाद फरमाता है कि*
*और ऐसी शहद की नहरें हैं जो साफ किया गया*
*📕 पारा 26,सूरह मुहम्मद,आयत 15*
👉 एक मर्तबा हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपने ऊपर शहद को हराम कर लिया जिसके बारे में मौला तआला क़ुर्आन में इरशाद फरमाता है कि
ऐ ग़ैब बताने वाले तुम अपने ऊपर क्यों हराम किये लेते हो वो चीज़ जो अल्लाह ने तुम्हारे लिए हलाल की अपनी बीवियों की मर्ज़ी चाहते हो और अल्लाह बख्शने वाला मेहरबान है।
*📕 पारा 28,सूरह तहरीम,आयत 1*
इस आयत की शाने नुज़ूल युं है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अस्र के बाद अपनी तमाम बीवियों के पास कुछ वक़्त के लिए जाते मगर जब ज़ैनब बिन्त हजश के यहां तशरीफ लाते तो आप हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को शहद पेश करतीं जिसमे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को कुछ देर उनके यहां हो जाती ये बात और अज़्वाजे मुतहहरात को नागवार गुज़रती,एक मर्तबा सबने मशवरा करके जिसमे उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा व सय्यदना हफ्शा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा शामिल थीं आप लोगों ने हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से जबकि वो उनके घर तशरीफ ले गए तो फरमाती हैं कि क्या आपने मगाफीर पी है कि आपके दहन से उसकी बू आती है,हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को मगाफीर की बू ना पसंद थी आपको उनका मंशा मालूम था मगर चूंकि हज़रत ज़ैनब रज़ियल्लाहु तआला अन्हा के यहां शहद पीने में वक़्त लगता है सो उसकी वजह से तुम लोगों की दिल शिकनी होती है सो ये सोचकर आपने फरमाया कि पीते तो हम शहद ही हैं लेकिन आज से उसको भी अपने ऊपर हराम किये लेते हैं इस पर ये आयत नाज़िल हुई।
*📕 तफसीर खज़ाएनुल इरफान,सफह 666*
*_ये तो हुई क़ुर्आनी गुफ्तगू अब आईये कुछ हदीस की भी सैर कर लिया जाए_*
एक मर्तबा किसी सहाबी के भाई को दस्त आने शुरू हो गए इस पर आपने फरमाया कि उसे शहद पिलाओ उन्होने पिलाया मगर फायदा ना हुआ फिर दूसरे रोज़ पूछा फिर आपने कहा कि शहद पिलाओ फिर तीसरे दिन भी उन्होने वही सवाल किया आपने फिर इरशाद फरमाया कि उसे शहद पिलाओ,इस पर वो कहते हैं कि या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मैं ये काम पिछले तीन दिन से कर रहा हूं मगर आराम नहीं मिल रहा है इस पर हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि तेरे भाई का पेट झूठा है और रब का कलाम सच्चा है उसको शहद पिलाओ,अब जब उन्होंने शहद पिलाया तो उन्हें फौरन शिफा मिल गई।
*📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 848*
हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि जो शख्स महीने में तीन रोज़ सुबह को शहद पी लिया करे तो महीने भर उसको कोई बड़ी बला ना पहुंचेगी और फरमाते हैं कि दो शिफाओं को लाज़िम पकड़ो एक क़ुर्आन को दूसरे शहद को।
*📕 इब्ने माजा,सफह 255*
जिसको क़ुर्आन ने शिफा करार दिया हो और खुद हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सारी ज़िन्दगी उसको पिया हो बेशक उसमें किसी तरह के नुक्सान देह होने का ख्याल ही नहीं हो सकता और जिसको क़ुर्आन और शहद से भी शिफा हासिल ना हो तो फिर अतिब्बा कहते हैं कि शिफा होना उसकी किस्मत में ही नहीं है,युंही कलौंजी यानि मंगरैल जिसको कहीं कहीं शोनीज़ भी कहा जाता है इसके बारे में हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि
काले दाने को लाज़िम पकड़ लो कि इसमें मौत के सिवा हर बीमारी से शिफा है।
*📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 845*
*📕 इब्ने माजा,सफह 254*
लिहाज़ा आजकल की इस भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में जबकि रूहानी और जिस्मानी बिमारियों का जमावड़ा लगा हुआ है तो ऐसे में ये एक अज़ीम नुस्खा है जो कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपने उम्मतियों को नवाज़ा है,सुबह बासी मुंह पानी में घोलकर शरबत की तरह शहद पीने की आदत डाल लें इन शा अल्लाह कई बिमारियों से ऐसे ही महफूज़ हो जायेंगे और उससे पहले कुछ दाने मंगरैल के भी खा लिए जायें।
! अगर पथरी हो गयी हो चाहे गुर्दे में या पित्त में इन शा अल्लाह टूट कर निकल जायेगी,पानी में जौडालकर खूब खौलायें फिर उसे छानकर गिलास में निकाल लें और उसमें इतना शहद मिला लें कि खूब मीठा हो जाए,रोज़ाना बासी मुंह इस्तेमाल करें अगर तकलीफ ज़्यादा हो तो दिन में 2 या 3 बार इस्तेमाल कर सकते हैं
! मेदे या आंतों का कैंसर हो तो सुबह और शाम शहद के 2 बड़े चम्मच दिए जायें और नाश्ते में जौ का दलिया शहद में बना हुआ अगर दलिये में ज़ैतून का तेल मिलायें और बेहतर है और युं भी घंटे 2 घंटे में शहद और ज़ैतून का तेल पिलाते रहें।
! शहद पीने से यरकान यानि पीलिया जल्द ही खत्म हो जाता है।
👉 बस ये समझ लीजिए कि जिस्म की कैसी भी बिमारी हो या कैसी भी कमज़ोरी हो शहद हर मर्ज़ का इलाज है यहां तक कि अगर खालिस शहद मिल जाए तो इससे शुगर के मरीज को भी नुक्सान नहीं हो सकता क्योंकि ये मज़हरे शिफा है।
*📕 तिब्बे नबवी और जदीद साईंस,सफह 96----129*
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*अंजीर-Fig*
*____________________________________*
👉 अंजीर बुनियादी तौर पर मशरिके वुस्ता और एशियाई कोचक का फल है अगर चे अब ये हिंदुस्तान में भी पाया जाता है मगर मुसलमानों की हिंदुस्तान में आमद से पहले इसका कोई सुराग नहीं मिलता,इसलिए यही सही है कि इसे मुसलमान ही हिंदुस्तान लेकर आये और इसकी काश्त की मगर 1000 साल गुज़र जाने के बाद भी आज इसकी काश्त इस तौर पर नहीं की जाती कि वो तमाम लोगों की ज़रूरत को पूरा कर सके लिहाज़ा तुर्की,इटली,स्पेन,पुर्तगाल,ईरान,फिलिस्तीन,शाम और लेबनान से इसे मंगाया जाता है,कहते हैं फलों में ये सबसे नाज़ुक फल है कि पकने के बाद खुद ही पेड़ से गिर जाता है और दूसरे दिन तक इसे महफूज़ रखना मुश्किल हो जाता है सो इसे सुखाकर ही इस्तेमाल लायक बनाया जाता है,इसके फज़ायल के लिए इतना ही काफी है कि क़ुर्आन में अल्लाह तबारक व तआला इसकी कसम याद फरमाता है,इरशाद फरमाया।
*कंज़ुल ईमान* -
*कसम अंजीर और ज़ैतून की*
*📕 पारा 30,सूरह वत्तीन,आयत 1*
*तफसीर* - अंजीर एक उम्दा मेवा है जिसमे फुज़्ला नहीं है बहुत तेज़ हज़म होने वाला जिगर और मेदे की इस्लाह करने वाला बलगम को निकालने वाला और कमज़ोर जिस्म को फरबा करने वाला है।
*📕 खज़ाएनुल इरफान,सफह 709*
*हदीस* - हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में अंजीर से भरा हुआ एक तश्त आया तो आप फरमाते हैं कि अगर कोई कहे कि क्या जन्नत से फल ज़मीन पर आ सकता है तो मैं कहूंगा यही है वो,तो इसे खाओ कि अंजीर बवासीर को खत्म कर देता है और गठिया यानि जोड़ों के दर्द में मुफीद है।
*तिब* - इसके अलावा ये गुर्दे और पित्त से पथरी को तोड़कर निकाल देने में कारगर है मगर बासी मुंह 6 दाने के अंजीर के साथ कलौंजी और कासनी (हिन्दबा-chicori) का मुरक़्क़ब इस्तेमाल करें,हलक़ की सोजिश सीने पर बोझ फेफड़ों की सूजन जिगर और तिल्ली की सफाई पेट से हवा निकालता है और अगर इसके साथ बादाम मिलाकर खाया जाे तो पेट की बहुत सारी बीमारियों का इलाज हो जाये,पुरानी खांसी और प्यास की शिद्दत को कम करता है अगर चे ये खुद मीठा है मगर शुगर के मरीज़ को नुकसान नहीं पहुंचाता,पुरानी क़ब्ज़ दमा खांसी चेहरे का रंग निखारने के लिए 5 दाने जबकि मोटापा कम करने के लिए 3 दाने ही काफी है,औरत को हैज़ की तकलीफ से निजात के साथ साथ उसके दूध बढ़ाने में भी मुफीद है,खून की नालियों में जमी हुई गलाज़त को साफ करता है और ब्लड प्रेशर के मरीज़ को राहत देता है।
*तरीक़ा* - रात को 5 या 7 अंजीर को धोकर पानी में भिगो दें और सुबह बासी मुंह अंजीर को खा लें और उस पानी को कपड़े से छानकर पियें ताकि उसमे बैठा हुआ गर्द छन जाये वरना नुकसान देह हो सकता है।
*📕 तिब्बे नब्वी और जदीद साईंस,सफह 17-27*
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*दवा-इलाज*
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📔 हदीसे पाक में आता है कि मुसलमान को कोई रंज दुख फिक्र मुसीबत बला तकलीफ ग़म ऐसा नहीं पहुंचता यहां तक कि अगर उसे कोई कांटा भी चुभ जाये तो मौला तआला उसके बदले में उसके गुनाहों को माफ फरमा देता है दूसरी हदीसे पाक में है कि बीमार की इयादत करना सुन्नत है अगर कोई सुबह को किसी मुसलमान की इयादत को गया तो शाम तक 70,000 फरिश्ते उसके लिए मगफिरत की दुआ करते हैं और शाम को गया तो सुबह तक।
*📕 अनवारुल हदीस,सफह 215/219*
🏮 इयादत में जबकि मालूम हो कि उसके जाने से मरीज खुश होगा तो जाए और अगर मालूम है कि जायेगा तो उसे अच्छा ना लगेगा तो ना जाये,युंही फासिक़ की इयादत को भी जा सकता है क्योंकि वो भी मुसलमान है,हिंदुस्तान के यहूदी नसरानी मजूसी बुत-परस्त इनमे से कोई भी ज़मी काफिर नहीं इसलिए इनकी इयादत को जाना जायज़ नहीं है।
🎐 इंसान के किसी उज़्व को दवा के तौर पर इस्तेमाल करना नाजायज़ है युंही सुअर की हड्डी बाल गोश्त पोश्त सब कुछ हराम है,खाने की दवा में अगर उन जानवरों की हड्डियां मिली हैं जो हलाल हैं और ज़बहे शरई से उन्हें ज़बह किया गया है तो ऐसी दवाओं का खाना जायज़ है और लगाने की दवे में सुअर के अलावा दीगर जानवर की हड्डियां भी इस्तेमाल की जा सकती है।
📍 हराम चीज़ों को दवा के तौर पर भी इस्तेमाल करना जायज़ नहीं है,अंग्रेजी दवाओं में अक्सर में अलकोहल या स्पिरिट का इस्तेमाल किया जाता है ऐसी दवाओं से परहेज़ चाहिए युंही शराब कहीं लगाने में भी इस्तेमाल करना हराम है।
📃 बीमार का इलाज ना किया और वो मर गया तब भी कोई गुनहगार नहीं।
🗓 हमल गिराना मना है अगर चे बच्चे की सूरत बनी हो या नहीं हां उज़्र से ऐसा कर सकते हैं मसलन पहला बच्चा छोटा है और दूध पीता है या बाप इतना ज़्यादा ग़रीब है कि दूसरे बच्चे का खर्च अभी नहीं उठा सकता तो हमल गिराया जा सकता है मगर तब जबकि 4 महीने ना गुज़रे हों क्योंकि 4 महीने के बाद बच्चे में जान पड़ जाती है अब उसका गिराना क़त्ल का गुनाह है।
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 16,सफह 125-128*
🖌 मरीज़ को खाने के लिए मजबूर ना किया जाए कि उन्हें उनका रब खिला पिला देता है।
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 16,सफह 122*
💎 कलौंजी यानि मंगरैल जिसको कहीं कहीं शोनीज़ भी कहा जाता है इसके बारे में हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि काले दाने को लाज़िम पकड़ लो कि इसमें मौत के सिवा हर बीमारी से शिफा है।
*📕 बुखारी,जिल्द 2,सफह 845*
*📕 इब्ने माजा,सफह 254*
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*🕋يـــــاالــــلــــــّٰه🌙 یارسول اللهﷺ🌹*
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*اَلصَّلٰوةُ وَالسّلَامُ عَلَـي٘كَ يَارَسُوٌلَ اللهﷺ*
*وَعَلیٰٓ اٰلِكَ وَاَصحَابِكَ يَاحَبِيْبُ اللهﷺ*
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*☜ 📿 روحانی علاج - रुहानी इलाज🧪☞*
*▬▬▭܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀▭▬▬*
*💠✧ पोस्ट नं ➪ ⑯ ✧💠*
*🌟 اَلصَّــلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَارَسُوْلَ اللّٰهﷺ*
*👅ज़ुबान मे लुक्नत*
*⟐ नर्वसनेस* _:- अक्सर कुछ लोगों मे ये बात नज़र आती है कि जब वो किसी के सवाल का जवाब देते है तो अचानक उनकी ज़बान रुक जाती है और वो जो बोलना चाहते है वो बात रुक-रुक कर उनके ज़बान से निकलती है इसे ज़बान कि_ *"लुक्नत"* _या_ *नर्वसनेस* _कहते है !_ _और अकसर आम इंसान जो कभी जॉब job के सिलसिले मे कोई इंटरव्यू interview देने जाता है तो उसके साथ भी ये है जाता है और वो जवाब मालुम होने के बाद भी जवाब नहीं दे पाता !_ _जबान कि लुक्नत को दूर करने के लिए कुछ वज़याफ और कुछ गिज़ा पेशे खिदमत है !_
*▣*_ज़ुबान कि लुक्नत से निजात पाने के लिए सुबह सूरज निकलने के पहले फज्र नमाज़ बाद 1 मरतबा_ *या वादूदू* *یاَ وَدُوٌدُ* _पढ़े और 7 मरतबा हाथ के चुल्लु मे ताज़ा पानी लेकर नाक मे चढाए और निकाल दे ,ये अमल पूरी तरह शिफा पाने के बाद ही ख़त्म करे !_
*#📚 रुहानी इलाज ,सफ़ह 138*
*▣* _फज्र नमाज़ पढ़कर एक पाक कंकडी ज़बान पर रखले और 📗क़ुरआने करीम कि सूरह ता'हा (طٰہٰ) कि 25 से 28 तक आयतें_ *21* _मर्तबा पढ़े !_👇🏻
*☆ رَبِّ اشۡرَحۡ لِیۡ صَدۡرِیۡ , وَ یَسِّرۡ لِیۡۤ اَمۡرِیۡ , وَ احۡلُلۡ عُقۡدَۃً مِّنۡ لِّسَانِیۡ , یَفۡقَہُوۡا قَوۡلِیۡ*
*#📚 ऐज़न*
*#📚 मदनी पन्ज़सुरह, सफ़ह 238*
*▣* _दिनभर में 3 मर्तबा 👆🏻यही आयत पढ़े और अल्लाह से दुआ करें इन_शा_अल्लाह बीमारी से निजात मिलेगी !_
*#📚 रुहानी व जिस्मानी इलाज, सफ़ह 40*
*🧠 बात भूलना और कमज़ोर ज़ेहन !*
*▣* _पारह् 5 सूरह निसा कि आयत नं 113 कि ये कुछ आयते पढ़कर पानी में दम-करके पिलाये इन_शा_अल्लाह भूलने का मर्ज़ जाता रहेगा !_
*وَ عَلَّمَکَ مَا لَمۡ تَکُنۡ تَعۡلَمُ ؕ وَ کَانَ فَضۡلُ اللّٰہِ عَلَیۡکَ عَظِیۡمًا*
*#📚 रुहानी व जिस्मानी इलाज, सफ़ह 40*
*🍓तिब्बी इलाज :- 7 बादाम ,7 दाना काली मिर्च ,एक चम्मच मिश्री , इन चीज़ो को पिसकर हल्का पानी मिलाकर चटनी जैसा बना लीजिये और छोटे हो या बड़े 1 चम्मच सुबह-शाम चटा दे ! (आँवला का 1/4 हिस्सा भी मिलाने से फायदा मिलता है)*
_*🥔किशमिश के 7 दानो पर रोज़ाना 101 मरतबा सूरह फातिहा (अव्वल आखिर दुरुद शरीफ) पढ़के दम करें ! ये अमल 41 दिनों तक जारी रखे ! इन_शा_अल्लाह शिफा मिलेगी !*_
*🥤हमदर्द का "खमीरा गावज़बाँ अम्बरी जवाहरवाला"* _(Khamira Gawzaban Ambari Jawahar वाला) इसे खरीद लीजिये और रोज़ाना 2 बादाम के साथ सुबह-शाम इसे खाये ये दिमागी कमजोरी के साथ साथ ज़ुबान कि लुक्नत दूर करेगा और 'इन_शा_अल्लाह 'शिफा मिलेगी !_
*📮जारी रहेगा इन..शा..अल्लाह 🔜*
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Raza Wahidi
*🕋يـــــاالــــلــــــّٰه🌙 یارسول اللهﷺ🌹*
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*اَلصَّلٰوةُ وَالسّلَامُ عَلَـي٘كَ يَارَسُوٌلَ اللهﷺ*
*وَعَلیٰٓ اٰلِكَ وَاَصحَابِكَ يَاحَبِيْبُ اللهﷺ*
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*💠✧ पोस्ट नं ➪ ⑰ ✧💠*
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*((👤मोटापा ))*
*🕋अल्लाह इर्शाद फरमाता है :-*
*★ وَ کُلُوۡا مِمَّا رَزَقَکُمُ اللّٰہُ حَلٰلًا طَیِّبًا ۪ وَّ اتَّقُوا اللّٰہَ الَّذِیۡۤ اَنۡتُمۡ بِہٖ مُؤۡمِنُوۡنَ ﴿۸۸﴾( AL-MAIDA - 5:88 )*
_☆और खाओ जो कुछ तुम्हें अल्लाह ने रोज़ी दी हलाल पाकीज़ा और डरो अल्लाह से जिस पर तुम्हें ईमान है।_
*_बेशक अल्लाह रब्बुल इज्ज्त ने हमें पाकिज़ा गिज़ा खाने के लिए दी है ,जिसको हम खाकर उसकी नेय्मतो और लज़्ज़तो के लुत्फ़ लेकर ज़िन्दगी जीते हैं और उसका शुक्र अदा करते हुए , दुन्यावी ,और दीनी काम करते है और आखिरत कि तैयारी भी करते है, मगर कभी कभी जब हम खाने को सैर होकर खाते हैं जो कभी हमारे सेहत का नुक्सान करता है , जैसा कि इर्शाद ए बारी ता'ला है 👇🏻_*
*★ یٰۤاَیُّہَا الَّذِیۡنَ اٰمَنُوۡا لَا تُحَرِّمُوۡا طَیِّبٰتِ مَاۤ اَحَلَّ اللّٰہُ لَکُمۡ وَ لَا تَعۡتَدُوۡا ؕ اِنَّ اللّٰہَ لَا یُحِبُّ الۡمُعۡتَدِیۡنَ ﴿۸۷﴾( AL-MAIDA - 5:87 )*
_☆ ऐ ईमान वालो ! हराम न ठहराओ वह सुथरी चीज़ें कि अल्लाह ने तुम्हारे लिये हलाल कीं , और हद से न बढ़ो बेशक हद से बढ़ने वाले अल्लाह को नापसन्द हैं।_
👇🏻
_तो अल्लाह अज़्ज़ोअजल को हदसे बढ़ने वाले पसंद नहीं है ,अब बात करे खाने कि तो इन्सान का ज़्यादा खाने से उसका नफ्स उसे इबादात से दूर कर देता है,और शहवत को बढ़ा देता है ,उसे शहवत् को मारने के लिये और नफ्स पर क़ाबु करने के लिये कम खाना चाहिए ,ज़्यादा खाने के नुक्सान बहुत है !_
*📜हदीस शरीफ में है कि :- अब्दुर्रहमान रज़ीअल्लाहू तआला अन्हु से रिवायत है कि हुज़ुर ﷺ ने फर्माया ''कोई बर्तन जो भरा जाए पेट से ज़्यादा बुरा नहीं अगर तुम्हें पेट में कुछ डालना ही है तो 1 तिहाई मे खाना डालो , 1 तिहाई मे पानी , और 1 तिहाई हवा और सांस के लिए रखो ,'' खाने के चन्द लुक्मे पेट भरने और पीठ सीधे रखने के लिए काफी है ''*
*#📚 तबरानी* *#📚 तिर्मिज़ी*
*#📚इब्ने माजह्*
*#📗 बहारें शरियत, हिस्सा 16,सफह 23*
💐👉🏿 _और भी कई हदीस में हुज़ुर ﷺ ने ज़्यादा खाने से मना फर्माया है क्योंकि ज़्यादा खाना से बहुत से नुख्सानात है ज़्यादा खाने से दिल मुर्दा हो जाता है और कई तरह की बीमारियां इंसान को हो जाती है जिनमें से एक बिमारी मोटापा है जिसमें इंसान के अंदर चर्बी बढ़ जाती है और इंसान का वज़न बढ़ जाता है ,मोटापा भी दो किस्म का होता है ,_
_इसके लिए आपको कम खाना और चिक्नाई दार् चीज़ो से परहेज़ करना होगा ,आलू , चावल , तेल ,चर्बी वाला गोश्त से परहेज करे और रोज़ाना सुबह मे फज्र के बाद टहलाने( walking & running ) कि आदत डाले , और वर्ज़िश करें !_
*गिज़ा :-* _हरी सब्ज़िया, फलो का रस,सिरका ,मसूर दाल, जौ की रोटी_
_1:- ज़्यादा चर्बी कि वजह से !_
_2:- खुश्की कि वजह से !_
*1:-ज़्यादा चर्बी कि वजह से !* _इस किस्म के मोटापे मे जिस्म ढीला, और दबाने पर पिलपिला सा होता है।_
*इलाज :-* _दालचिनी का powder बना कर उसे आधा गिलास पानी में मिलाकर इतनी देर तक उबाले की आधा रह जाए ,! रोज़ाना 2 वक़्त एक-एक ,घूंट सुबह खाली पेट और रात के खाने के बाद दे फायदा मिलेगा !_
*2:-खुश्की कि वजह से !* _इसमें जिस्म सख्त होता है और छूने से लचकदार या फूला हुआ नहीं मालुम पड़ता ! इसमें भी वैसे ही परहेज़ करनी है और वर्ज़िश भी !_
*इलाज :-* _5ग्राम माकु,5ग्राम कास्नी,5ग्राम पुदीना ,5ग्राम गुलाब के पत्ते,5ग्राम सौन्फ ,20 टिकिया अमल्तास,,, इन सबको 1लिटर पानी में काढे कि तरह खूब पकाये जब 2 कप के बराबर रह जाए तो रोक ले और थोड़ा नमक डालकर रोज़ाना खाली पेट दिन में 2 दफा 1-1 घूंट पी ले ,1महिने तक ऐसा करे ,इन शा अल्लाह फायदा मिलेगा !_
*#📗 इलाजुल् गुर्बा ,सफह 265*
*#📗अमराज़ व् अलामत् और इनका इलाज ,सफह 51-53*
*★ [ जिस्म के फूल जाने (मोटापे) का इलाज ] ★*
*(1)* _ˈसाइप्रस' सरु के पेड़ की पत्ती को पानी में पीसकर इस पानी को पका ले फिर जौ के आटे के साथ गूथले और रोटी पका ले और ज़ैतून के रोगन (शोरबा) के साथ 3 दिन तक 2-2 रोटी खाए निहायत् ही मुफिद् है !_
*(2)* _हीन्ग 2-4 रत्ती भर पानी में मिलाकर सुबह के वक़्त पीना भी फायदे मंद है !_
*गिज़ा :-* _बक़रे का गोश्त, जौ की रोटी, ज़ैतून के रोगन !_
*परहेज़ :-* _दूध,बादी चीज़ो से परहेज़, कम चर्बी का खाना !_
*#📗मुजर्रेबात् ए इमाम सुयुती,सफह् 105*
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*♥️ दिल - हार्ट (Heart)*
_☛ इसमें कोई शक नहीं कि इंसान के जिस्म का मरकज़ दिल है अगर ये सही रहा तो सब सही और अगर इसमें खराबी पैदा हुई तो कुछ भी सही नहीं रह सकता,और इसमें भी कोई शक नहीं कि क़ुरान मजीद अनशराहे सदर और हयातुल क़ुलूब के लिए अकसीर है,कि इसकी इफ़ादियत सिर्फ रूहानी ही नहीं बल्कि जिस्मानी अमराज़ को भी दूर करने के लिए काफी है,हज़रत सय्यद मौलाना मोईनुद्दीन (MNA) फरमाते हैं कि मैं पिछले 20 सालों से दिल के मरीजों का इलाज पारा 14 सूरह हजर की आयत नं0 97 के ज़रिये कर रहा हूं !_
*▣ بسم الله الرحمن الرحىم ولقد نعلم انك يضىق صدرك بما يقولون*
*▣*_वलाक़द नाअलमो अन्नका यद़ीक़ो सदरोका बेमा यक़ूलून"_
*#📚 तिब्बे नबवी और जदीद साइन्स,सफह 219*
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*⟐ मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है नबी करीम सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि :-*
_➺ अनार खाओ इसके अंदर के छिलके समेत कि ये मेदे को तक़वियत देता है !_
_➺ जिसने अनार खाया अल्लाह तआला उसके दिल को रौशन कर देगा !( यानि दिल को ताक़त अता करेगा )_
*#📚 तिब्बे नबवी और जदीद साइन्स,सफह 229*
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_☛ दिल का दौरा अगर खून की कमी की वजह से पड़ गया हो या जिस्मानी कमज़ोरी की वजह से या खून का दबाव बढ़ जाने से या किसी दवा का रिएक्शन हो जाने से तो 3 बार बिस्मिल्लाह शरीफ के साथ ये दुआ पढ़कर पानी पर दम करके पिलाएं !_
*▣ بسم الله الرحمن الرحىم يا حى قبل كل شىْ يا حى بعد كل شىْ*
*▣* _"या ह़य्यो क़ब्ला कुल्ले शैइन या ह़य्यो बअदा कुल्ले शैइन"_
_☛ अगर सदमे की वजह से हो तो यही दुआ कागज़ पर लिखकर शहद में डाल दें और दिन में 3 बार इसे खाएं !_
_☛ अगर हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हो तो नमक की शीशी में ये दुआ पढ़कर दम कर लें और खाना खाते वक़्त ये नमक छिड़ककर खाएं !_
*#📚 रूहानी इलाज,सफह 22*
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_☛ की हर किस्म की बीमारी के लिए अकसीर है अव्वल आखिर 11,11 बार दरूद शरीफ और बीच में 11 बार बिस्मिल्लाह शरीफ के साथ ये दुआ पढ़कर पानी पर दम करें और पिएं !_
*▣ بسم الله الرحمن الرحىم يا الله يا رحمن يا رحىم دل ماراكن مستقىم بحق اياك نعبد واياك نستعىن*
*▣*_"या अल्लाहो या रह़मानो या रह़ीमो दिले माराकुन मुस्तक़ीम बेह़क़्क़े इय्याका नाअबोदो व इय्याका नस्तईन "_
*#📚 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,सफह 25*
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