🌺🍬ऐ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ,🌿
🌺💧 ऐ सारी कायनात के शहंशाह ,
🌺💧 ऐ सारी मख्लूक़ के पालने वाले ,
🌺💧 ऐ ज़िन्दगी और मौत का फैसला करने वाले ,
🌺💧 ऐ आसमानो और ज़मीनो के मालिक ,
🌺💧 ऐ पहाड़ों और समन्दरों के मालिक ,
🌺💧 ऐ इन्शानो और जिन्नातों के माबूद ,
🌺💧 ऐ अर्श -ए -आज़म के मालिक ,
🌺💧 ऐ फरिश्तों के माबूद ,
🌺💧 ऐ इज़्ज़त और ज़िल्लत के मालिक ,
🌺💧 ऐ बिमारियों से शिफ़ा देने वाले ,
🌺💧 ऐ बादशाहों के बादशाह .
🌺💧 ऐ अल्लाह हम तेरे गुनाहगार बन्दे हैं ,
🌺💧 तेरे ख़ताकार बन्दे हैं ,
🌺💧 हमारे गुनाहों को माफ़ फरमा ,
🌺💧 हमारी ख़ताओं को माफ़ फरमा ,
🌺💧 ऐ अल्लाह हम अपने अगले पिछले,सगीरा,कबीरा, छोटे, बड़े सभी गुनाहों और खताओं की और ना -फरमानियों की माफ़ी मांगते हैं …
🌺💧 ऐ अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त हम अपने गुनाहों
से तौबा करते हैं .हमारी तौबा क़ुबूल करले ..
🌺💧 ऐ अल्लाह हम गुनाहगार हैं ,
🌺💧 सियाकार हैं ,
🌺💧 बदकार हैं ,
🌺💧 तेरे हुक्मो के ना -फरमान हैं ,
🌺💧 ना -शुकरे हैं लेकिन मेरे माबूद तेरे नाम लेवा बंदे
हैं तेरी तौहिद की गवाही देते हैं .
🌺💧 तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं है .
🌺💧 तेरे सिवा कोई बंदगी के लायक नहीं है .
🌺💧 तेरे सिवा कोई ताऱीफ के लायक नहीं है .
🌺💧 हमारे माबूद हमारे गुनाह तेरी रेहमत से बड़े नहीं हैं .
🌺💧 तू अपनी रहमत से हमें माफ़ करदे
🌺💧 ऐ अल्लाह पाक आप हमें गुमराही के रास्ते से हटा कर सिरातल मुस्तक़ीम के रास्ते पे चलने वाला बना दे
🌺💧 ऐ अल्लाह ऐसी नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अत कर जिस नमाज़ से तू राज़ी हो जाये ,
🌺💧 ज़िंदगी में ऐसे नेक अमल करने कि तौफ़ीक़ अता कर जिन अमालोंसे तू राज़ी हो जाये .
🌺💧 हमें ऐसी ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफ़ीक़ अता कर जिस ज़िंदगी से तू राज़ी हो जाये .
🌺💧 ईमान पे ज़िंदा रख और ईमान पे ही मौत अता कर .
🌺💧 ऐ अल्लाह हमें तेरे हुक्मों की फ़र्माबरदारी करने वाला बना ..
🌺💧 और तेरे प्यारे हबीब जनाबे मोहम्मद रसूलुल्लाह (सलल्लाहो
ता ‘आला अलैहि वस्सल्लम ) के नेक और पाकीज़ा तरीकों को अपनी ज़िन्दगी में लाने वाला बना .
🌺💧 ऐ अल्लाह हमारी परेशानियों को दूर करदे ,
🌺💧 ऐ अल्लाह जो बीमार हैं उन्हें शिफ़ा -कामिला अता फरमा .
🌺💧 ऐ अल्लाह जो क़र्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं उनका क़र्ज़ जल्द जल्द अदा करवा दे ,
🌺💧 ऐ अल्लाह शैतान से हमारी हिफाज़त फरमा
🌺💧 ऐ अल्लाह इस्लाम के दुश्मनों का मुँह काला कर ,
🌺💧 ऐ अल्लाह हलाल रिज़्क़ कमाने कि तौफ़ीक़ अता फरमा ,
🌺💧 ऐ परवर्दिगार- ए -आलम हमें माँगना नहीं आता लेकिन तुझे देना आता है तू हर चीज़ पे क़ादिर है ..
🌺💧 ऐ अल्लाह जो मांगा वो भी अता फरमा जो मांगने से रह गया वो भी इनायत फरमा …
🌺💧👩 हमारी दुआ अपने रहम से अपने करम से क़ुबूल फरमा .और जिसने ये दुआ भेजी है और इसे आगे बढ़ा रहा है उसकी सारी परेशानियों,तकलीफ़ों,बिमारियों को दूर फरमा और सेहत तंदरूस्ती अता कर’📚✔
🌟आमीन आमीन आमीन
Farz Namaj Ke Bad Ki Dua – फ़र्ज़ नमाज़ के बाद की दुआ
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
اَللّٰهُمَّ اَنْتَ السَّلَامُ وَمِنْكَ السَّلَامُ تَبَارَكْتَ يَاذَاالْجَلَالِ وَالْاِكْرَامِ
*तर्जमा* – ऐ अल्लाह ! तू सलामती देने वाला है और तेरी ही तरफ से सलामती है तू बरकत वाला है ऐ जलाल व बुज़ुर्गी वाले।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, 298*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 225*
*नॉट :* जिन हजरात को अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।
Ramzan Ki Duayen
रमज़ान के पहले दुसरे और तीसरे अशरे की दुआ
जैसा कि रमज़ान रहमतों और मगफिरत का महीना है और इस में की गयी इबादत और नेकियों का सवाब कई गुना बढ़ कर मिलता है और इस में कुरान की तिलावत की बड़ी फ़ज़ीलत है, और इस में कुछ दुआएं ऐसी हैं…
जिनका पढना एक बहुत बड़ा सवाब है
जिनसे अल्लाह की रहमत हम पर छा जाती है
उसकी मगफिरत हम को अपने दामन में समेट लेती है
और चूकि रमज़ान में ये दुआयें पढ़ रहे है तो इसके सवाब का आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते, इसलिए इन तीनों अशरों यानि तीसों दिन में आपकी ज़ुबान पर ज्यादा से ज्यादा ये दुआए जारी रहनी चाहिए
रमज़ान के तीन अशरे क्या और कौन कौन से हैं ?
1. पहला अशरा (यानि रमज़ान के पहले 10 दिन) ये अशरा रहमत का है
2. दूसरा अशरा (यानि रमज़ान के दुसरे 10 दिन) ये अशरा मगफिरत का है
3. तीसरा अशरा (यानि रमज़ान तीसरे 10 दिन) ये अशरा जहन्नम से नजात और खलासी का है
आप ने तीनों अशरों के बारे में जान लिया तो अब ये भी जान लीजिये कि इस में पढ़ी जाने वाली दुआए कौन सी हैं, वो दुआएं रमज़ान के अलग अलग अशरे में पढ़ी जाती हैं यानि रमज़ान के पहले दस दिन एक दुआ दुसरे दस दिन दूसरी दुआ तीसरे दस दिन तीसरी दुआ पढ़ी जाती है |
रमज़ान के पहले अशरे की दुआ
Dua In Hindi : रब्बिग फ़िर वरहम व अंता खैरुर राहिमीन
Translation : ए मेरे रब मुझे बख्श दे, मुझ पर रहम फरमा, तू सब से बेहतर रहम फरमाने वाला है
रमज़ान के पहले दस दिन अल्लाह से रहम की तलाश करने के लिए सबसे अच्छे है, क्योंकि इसमें उसके रहम की कोई सीमा नहीं होती है, वह आपको आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा देगा |
रमज़ान के दुसरे अशरे की दुआ
Dua In Hindi : अस्तग फ़िरुल लाहा रब्बी मिन कुल्लि ज़म्बिव व अतूबु इलैह
Translation : मैं अल्लाह से तमाम गुनाहों की बखशिश मांगता हूँ जो मेरा रब है और उसी की तरफ रुजू करता हूँ
रमजान का ये अशरा 11 वें रोज़े से लेकर 20 वें तक रहता है, हम सभी को इसमें अपने किए हुए गुनाहों से अस्तग्फार और गुनाहों की माफ़ी मांगनी चाहिए और खुद से वादा करना चाहिए कि आप फिर से वही गुनाह नहीं करेंगे।
रमज़ान के तीसरे अशरे की दुआ
Dua In Hindi : अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नार
Translation : ए अल्लाह ! हमको आग से पनाह दे दीजिये
रमजान के इस आखिरी अशरे यानि 21 से 30 तक शबे क़द्र और लैलतुल क़द्र के भी होते हैं, इसमें जहन्नम से खलासी और छुटकारे की दुआ मांगनी चाहिए और ऊपर दी गयी दुआ में आग से ही पनाह मांगी गयी है |
Ramzan Ka Chand Dekhne Ki Dua
रमज़ान का चाँद देखने की दुआ
जिस तरह दिनों में जुमे का दिन ज्यादा फ़ज़ीलत रखता है, उसी तरह महीनों में रमज़ान का महीना बहुत अहमियत रखता है, इसी वजह से हमारे नबी स.अ. इस महीने के लिए पहले से ही तय्यारी करना शुरू कर देते थे ताकि इसका एक एक मिनट और एक एक लम्हा अल्लाह की इबादत तारीफ और बड़ाई में गुज़रे |
और इस महीने की शुरुआत रमज़ान का चाँद निकलने से ही शुरू हो जाती है इसलिए हमें चाँद ज़रुर देखना चाहिए क्यूंकि ये अमल मुस्तहब है और चाँद देखकर दुआओं का एहतेमाम करना चाहिए क्यूंकि यहीं से रहमतों बरकतों का नाजिल होना शुरू हो जाता है |
नीचे हम चाँद देखने की दुआ पोस्ट कर रहे हैं जो हर महीने का चाँद निकलने पर पढ़ी जाती है और यहाँ चूंकि रमज़ान का चाँद निकलने वाला है इसलिए इसे पढ़ें और शेयर करें |
रमज़ान का चाँद देखने की दुआ
Dua In Hindi : अल्लाहुम्मा अहिल लहू अलैना बिल अमनि वल इमानि वस सलामति वल इस्लामि वत तौफीकि लिमा तुहिब्बु व तरज़ा रब्बी व रब्बुकल लाह
Translation : ए अल्लाह ! हम पर इस चाँद को अम्नो ईमान, सलामती और इस्लाम और उस चीज़ की तौफ़ीक़ के साथ तुलु फरमा फरमा जो आप पसंद करते हैं और जिसमें आपकी रिज़ा है (ए चाँद) मेरा और तेरा रब अल्लाह है
Dua In English : Allahumma Ahil Lahu Alaina Bil Amni Wal Imani Was Salamati Wal Islami Wat Taufiqi Lima Tuhibbu Wa Tarza Rabbi Wa Rabbukal Lah
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